कई बार सोचा है कि तुझे न सोचूँ
न तेरा रूठना और मेरा मनाना सोचूँ
न तेरे लबोँ को, न तेरी हँसी सोचूँ
तुझे न सोचने का हर बहाना सोचूँ
न तेरी आहट,न तेरा अहसास सोचूँ
न तेरी ऑंखें और न आवाज़ सोचूँ
न तेरी महक न तेरा अंदाज़ सोचूँ
तुझे न सोचने का बस आगाज़ सोचूँ
न संग बिताये दिन,न वोंह रातें सोचूँ
न वोंह कशिश ,न वोंह बातें सोचूँ
न तेरी अंगड़ाई ,न तेरा बदन सोचूँ
तुझे न सोचने का हर जतन सोचूँ
तुझे न सोचने कि सोच कर भी
बस तुझे ही सोच कर रह गया
और जो कभी तुझे सोचा मैंने
बस तेरी ही सोच में बह गया
------कृष्णेंदु -----
न तेरा रूठना और मेरा मनाना सोचूँ
न तेरे लबोँ को, न तेरी हँसी सोचूँ
तुझे न सोचने का हर बहाना सोचूँ
न तेरी आहट,न तेरा अहसास सोचूँ
न तेरी ऑंखें और न आवाज़ सोचूँ
न तेरी महक न तेरा अंदाज़ सोचूँ
तुझे न सोचने का बस आगाज़ सोचूँ
न संग बिताये दिन,न वोंह रातें सोचूँ
न वोंह कशिश ,न वोंह बातें सोचूँ
न तेरी अंगड़ाई ,न तेरा बदन सोचूँ
तुझे न सोचने का हर जतन सोचूँ
तुझे न सोचने कि सोच कर भी
बस तुझे ही सोच कर रह गया
और जो कभी तुझे सोचा मैंने
बस तेरी ही सोच में बह गया
------कृष्णेंदु -----
2 comments:
wah wah masti pankti haiii
wah wah.. very good...
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