इस सुस्त सी ज़िन्दगी में कुछ नया करें
सब मिल बैठ कर हाल चाल बय़ा करें
भीनी भीनी फिज़ा का अहसास भी हो
और अपने सब यार दोस्त पास भी हो
इस शहर को छोड़ कर ,कोई गाँव चले
जहाँ धूप हो सुनहरी और संग छाव चले
जहाँ हो कश्तियाँ और बड़ा समंदर भी
और उमड़ती लहरों पर मेरी नाव चले
कुछ पल ही सही सुस्ताले अगर
इस शहर से चालो संगीन हो जाये
दूर किसी पहाड़ों पर ,तारों के तलें
एक रात ही सही ,बस रंगीन हो जाये
कृष्णेंदु
सब मिल बैठ कर हाल चाल बय़ा करें
भीनी भीनी फिज़ा का अहसास भी हो
और अपने सब यार दोस्त पास भी हो
इस शहर को छोड़ कर ,कोई गाँव चले
जहाँ धूप हो सुनहरी और संग छाव चले
जहाँ हो कश्तियाँ और बड़ा समंदर भी
और उमड़ती लहरों पर मेरी नाव चले
कुछ पल ही सही सुस्ताले अगर
इस शहर से चालो संगीन हो जाये
दूर किसी पहाड़ों पर ,तारों के तलें
एक रात ही सही ,बस रंगीन हो जाये
कृष्णेंदु
1 comment:
Zindagi Tu hasino se hasin banja..
grt poem keep it up...
can'nt you guess who i am..
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