नव उमंग ,नव रस
नव वर्ष का पावन स्पर्श
नव चेतना , नव आदर्श
नव योवन ,नव संघर्ष
गर हो अंधकार,राह न मिले
गर हो व्यथित,प्रवाह न मिले
उठो,कुमुद नहीं तुम कुंदन हो
केवल रंग नहीं,रक्त चन्दन हो
नव रथ के तुम हो योद्धा
शून्य से प्रारम्भ करो
नव पथ का निर्माण करो
लो आज से आरम्भ करो
-------कृष्णेंदु--------
नव वर्ष का पावन स्पर्श
नव चेतना , नव आदर्श
नव योवन ,नव संघर्ष
गर हो अंधकार,राह न मिले
गर हो व्यथित,प्रवाह न मिले
उठो,कुमुद नहीं तुम कुंदन हो
केवल रंग नहीं,रक्त चन्दन हो
नव रथ के तुम हो योद्धा
शून्य से प्रारम्भ करो
नव पथ का निर्माण करो
लो आज से आरम्भ करो
-------कृष्णेंदु--------
1 comment:
बहुत बढिया !! मैं इसे अपना फसबूक का नव वर्ष स्टेटस बना रहा हूँ..
Post a Comment