Monday, February 15, 2010

इश्क हो जो तो बता दो अभी, मिझे और भी काम बहुत हैं ..
हाँ इस बेरुखी के लिए , वैसे भी
हम बदनाम बहुत हैं

फुर्सत नहीं हैं हमे , कि बैठे रहे तेरा इंतजार करें
कि कब
हज़ूर मिले और हम इज्हार करें ..

उम्र भर बस बैठे रहे,बस इक तेरे इंतजार में
और भी क्या नजाने करतब,बस एक तेरे प्यार में ?

बस क्या मुस्कुराना छोड़ दे, पीर बन जायें ?
तन्हाई की कोई , रोंदू सी तस्वीर बन जाये

चले छोड़ें जी,ये सब कुश्ती हमसे न होगी
बहुत उफान है प्यार में, एक तूफ़ान है प्यार में

जो चलना है साथ अगर, हाथ थामे और चल पड़े
लम्बा सफ़र है ज़िंदगी का, क्यूँ न आज ही निकल पड़े ?

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