Tuesday, January 12, 2010

नीला भी है ,चमकीला भी है
कुछ लाल रंग ,रंगीला भी है
कुछ धूप सा पीला भी और
कुछ बारिश सा गीला भी है

सूरज चाँद संग दिखते हैं
मुझे कई सारे रंग दिकतें हैं
पाँव ज़मी पर, पर उड़ रहा हूँ
मुझे सुनहरें पतंग दिखतें हैं

हो न हो ये साज़िश हो रही है
भीग चुका मैं सर से पावँ तक
बोलो,मेरी बेरंग सी ज़िन्दगी में
क्यूँ रंगों की बारिश हो रही है ?

-- krishnendu --

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